लखनऊ,राज्यब्यूरो।राज्यसरकारनेराजकीयसेवाओंमेंसीधीभर्तीकेपदोंपरदिव्यांगोंकेलिएआरक्षणकीनईव्यवस्थालागूकीहै।कार्मिकविभागनेइसबारेमेंसोमवारकोशासनादेशजारीकरदियाहै।केंद्रसरकारकीओरसेनि:शक्तजनअधिकारअधिनियम,2016अधिसूचितकियागयाथा।
उसकेक्रममेंराज्यसरकारकीओरसे'उप्रलोकसेवा(शारीरिकरूपसेदिव्यांग,स्वतंत्रतासंग्रामसेनानियोंकेआश्रितऔरभूतपूर्वसैनिकोंकेलिएआरक्षण)अधिनियम,2018'अधिसूचितकियागयाथा।इसकेतहतसीधीभर्तीकेक्रमऔरदिव्यांगताकोपरिभाषितकरतेहुएदिव्यांगताकीश्रेणीकोपांचभागोंमेंबांटतेहुएपूर्वमेंअनुमन्यआरक्षणकोतीनप्रतिशतसेबढ़ाकरपांचप्रतिशतकरदियागयाथा।
नि:शक्तजनअधिकारअधिनियम,2016केसंदर्भमेंकेंद्रसरकारनेदिव्यांगतासेग्रस्तलोगोंकेलिएआरक्षणकीअनुमन्यताकेबारेमें15जनवरी2018कोदिशानिर्देशजारीकिएथे।इनपरिस्थितियोंमेंदिव्यांगोंकोआरक्षणदेनेकेलिएराज्यसरकारकीओरसेपूर्वमेंजारीशासनादेशअप्रासंगिकहोगएथे।उनशासनादेशोंमेंसंशोधनकरतेहुएकार्मिकविभागनेराजकीयसेवाओंमेंसीधीभर्तीकेपदोंपरदिव्यांगतासेग्रसितलोगोंकेलिएनईव्यवस्थालागूकीहै।