जागरणसंवाददाता,पूर्णिया। 'देशमेपिछड़ों,वंचितोंऔरशोषितोंकेसंवैधानिकअधिकारोंकोसमाप्तकरनेकीसाजिशआरएसएसकेइशारेपरकेंद्रसरकारकररहीहै।जबकिराज्यसरकारशुतुरमुर्गकीतरहमुंहछुपाएहुएबैठीहै।जातीयजनगणनावक्तकीजरूरतहैऔरइसकेलिएलालूजीकेसंरक्षणमेंऔरनेताप्रतिपक्षतेजश्वीयादवऔरप्रदेशअध्यक्षजगदानंदसिंहकेनेतृत्वमेंराजदनिर्णायकलड़ाईलड़नेकेलिएतैयारहै।'येबातेंराजदप्रदेशमहासचिवसहपूर्णियाजिलाप्रभारीअरुणयादवनेबयानजारीकरकहाहै।
उन्होंनेकहाकिइसीतरहमंडलआयोगकीसिफारिशकोचरणबद्धतरीकेसेसमाप्तकियाजारहाहै,जिसेकिसीकीमतपरस्वीकारनहींकियाजाएगा।इतनाहीनहींआरक्षणमेंबैकलॉगव्यवस्थाकेसाथभीछेड़छाड़कीजारहीहै,जोदूरभाग्यपूर्णहै।
अरूणयादवनेकहाकिसातअगस्त1990कोतत्कालीनप्रधानमंत्रीवीपीसिंहकेकालमेमंडलआयोगकीसिफारिशोंकोलागूकियागयाथा।मंडलआयोगकेअध्यक्षवीपीमंडलने40सिफारिशेंकियाथा।लेकिनदुर्भाग्यकीबातहैकिइसमेंसेकेवलदोसिफारिशेंलागूहुईऔरअबएकसाजिशकेतहतउक्तदोनोंअनुसंशाकोभीसमाप्तकियाजारहाहै।
राजदनेतानेकहाकिप्रावधानकेअनुसारखुलीप्रतिस्पर्धामेंमेरिटकेआधारपरचुनेगएओबीसीकोउनकेलिएनिर्धारित27फीसदीआरक्षणमेंसमायोजितनहीकरनाहैलेकिनइसकाभीउल्लंघनहोरहाहै।इसकेअलावा,प्राइवेटसेक्टरऔरप्रमोशनमेंभीआरक्षणलागूहोनाचाहिएजोअबतकनहीहुआ।इसीप्रकारआरक्षणकेबैकलॉगमेंभीबड़ाखेलचलरहाहै।अरूणयादवनेकहाकिवर्ष1931केबादजातीयजनगणनानहीहुईहै।केंद्रसरकारजातीयजनगणनाक्योंनहीकरानाचाहतीहैयहसमझसेपरेहै।जबकिजातीयजनगणनाहोनेसेसभीजातियोंकोउसकीआबादीकेअनुसारहिस्सेदारीमिलेगीऔरविकासकार्योंकोगतिमिलेगी।