'पहिले एतना शोर-शराबा नाहीं होत रहा'

सुलतानपुर:पहिलेएतनाशोर-शराबानाहींहोतरहा।प्रचारकरयकेबरेगाड़ी-मोटरनाहींनिकरतरही।दुआरे-दुआरेचलाजातरहेंसबअऊरबतायदेतरहेंकिहमहूंमैदानमेंअहीबस।देखत-देखतजमानाबदलगा।अबतोनवा-नवालरिकवचुनावलड़ैआयजाथें..।कुछइसीअंदाजमेंनिकायचुनावकोलेकरयादोंमेंखोगएअस्सीबरसकेहोचुकेवयोवृद्धस्वामीचरण¨सहपुजारी।वेबतातेहैंकिशुरुआतीदौरमेंआपसीसहमतिसेहीलोगमुखियाचुनलेतेथे।शहरऔरटाउनएरियामेंवार्डवारसदस्यकेचुनावजबहोतेथेतोमा¨नदलोगोंमेंसेहीकिसीकोप्रत्याशीबनादियाजाताथा।जबएकसेज्यादाप्रत्याशीहोजाएतोसबएकसाथबैठकरपहलेआमसहमतिकीकोशिशकरतेथे,जबचुनावकीनौबतआतीथीतोहाथउठाकरकेफैसलाहोजाताथा।बादमेंउम्मीदवारबढ़नेलगेतोवार्डोंकेलोगघर-घरसुबह-शामनिकलकरलोगोंकोबतातेथेकिहमप्रत्याशीहैं।अपनीखूबीभीबतातेथे।तबनवाहनोंसेप्रचारहोताथाऔरनहीज्यादासमर्थकहीप्रत्याशियोंकेसाथनिकलतेथे।लोगअकेलेजाकरघरोंमेंमुखियासेमिलकरअपनेपक्षमेंवोटमांगाकरतेथे।अबबदलेदौरमेंकाफीकुछतब्दीलीआगईहै।लाउडस्पीकरचिल्लातेरहतेहैं।इसकीवजहसेध्वनिप्रदूषणहोताहै।इसपरसोचनाचाहिए।