अरुणदीक्षितनईदिल्ली।।श्रीनगरमेंआतंकीहमलेमेंपांचसीआरपीएफजवानोंकीमौतकेबादकश्मीरघाटीमेंतैनातजवानोंमेंनाराजगीहै।वेचाहतेहैंकिसरकारआतंककेप्रतिनरमीकीअपनीनीतिबदले।सीआरपीएफजवानचाहतेहैंकिकेन्द्रसरकारउनकेभी'मानवाधिकार'समझेऔरएकवर्गकेतुष्टीकरणकेलिएउन्हेंबलिकाबकरानबनाए।गौरतलबहैकिजम्मू-कश्मीरमेंपुलिसकीमददकेलिएसीआरपीएफकेकरीब60हजारजवानतैनातहैंऔरवहांआतंकसेमुख्यलड़ाईसीआरपीएफहीलड़रहीहै।यहीवजहहैकिअलगाववादीसोचकेस्थानीयलोगऔरआतंकीउसकेजवानोंकोहीनिशानाबनातेरहेहैं।स्थानीयजनताकोसरकारविरोधीप्रदर्शनोंकेदौरानज्यादानुकसाननपहुंचेइसलिएजम्मू-कश्मीरपुलिसनेयहआदेशनिकालाथाकिकानूनव्यवस्थाकीड्यूटीकरतेसमयसीआरपीएफकेजवानहथियारलेकरनचलें।खासतौरपरअफजलगुरुकीफांसीकेबादजारीइनआदेशोंमेंसाफलिखाहैकिसीआरपीएफकाकोईभीजवान'फायरआर्म'लेकरकानूनव्यवस्थाकीड्यूटीपरनहींआएगा।13मार्चकोश्रीनगरकेबेमिनामेंजिससमयसीआरपीएफकी73बटालियनकेजवानोंपरफिदायीनहमलाहुआ,उससमयवेड्यूटीकेलिएतैनातीकीप्रतीक्षाकररहेथे।इनजवानोंमेंसेज्यादातरकेपासडंडेहीथे।हाथमेंहथियारनहोनेसेअपनेसाथियोंकीमौतहोनेसेघाटीमेंतैनातसीआरपीएफजवानोंमेंखासाआक्रोशहै।इससमयश्रीनगरमेंतैनातएकवरिष्ठअधिकारीकेमुताबिक,'हमारेजवानोंमेंखासारोषहै।उन्हेंनियंत्रितकरनामुश्किलहोरहाहै।जवानोंकेगुस्सेकानमूनाश्रीनगरमेंहुईशोकसभाकेदौरानभीदेखनेकोमिला।वर्दीधारीजवानोंनेखुलकरराज्यसरकारकेप्रतिअपनेगुस्सेकाइजहारकियाथा।'नामनछापनेकीशर्तपरउसअधिकारीनेबतायाकियहकड़वीसच्चाईहैकिहमारेजवानोंपरहमलेभीड़कीआड़लेकरहीकिएगएहैं,जबकिसरकारचाहतीहैकिहमबिनाहथियारभीड़कोसंभालनेजाएं।बिनाहथियारकेजवानआतंकियोंकाकैसेमुकाबलाकरसकतेहैं?उक्तआदेशकेबादअबतककश्मीरघाटीमेंसरकारविरोधीप्रदर्शनोंऔरअफसरोंकोचोटेंआईहैं।अर्धसैनिकबलोंके150सेभीज्यादावाहनक्षतिग्रस्तहुएहैंऔरसम्पत्तिकोभीनुकसानपहुंचायागयाहै।जम्मू-कश्मीरपुलिसकाउक्तआदेशअर्धसैनिकबलोंकेलिएगृहमंत्रालयद्वारानिर्धारितमानकसंचालनप्रक्रिया(एसओपी)केखिलाफतोहैहीसाथहीसीआरपीएफएक्ट1949कीमूलभावनाकेभीविपरीतहै।सीआरपीएफकेएकअन्यअधिकारीकेमुताबिक,कुछसालपहलेइसीतरहकेआदेशकेचलतेश्रीनगरकेलालचौकमें28बटालियनकेदोजवानोंकीआतंकियोंनेहत्याकरदीथी।उससमयभीजवानोंमेंआक्रोशपनपाथा।उसकेबादहीवहआदेशवापसहुआथा।इनअफसरोंकासाफमाननाहैकिअगरसरकारनेतत्कालइसदिशामेंकोईकदमनहींउठायातोविपरीतहालातमेंकामकररहेजवानोंकोनियंत्रितकरपानामुश्किलहोगा।