मोदी सरकार के बजट में नहीं दिखा सबका साथ सबका विकास

नईदिल्ली,[सुशीलकुमारसिंह]।वित्तमंत्रीअरुणजेटलीकेपिटारेसेनिकलेदेशकीआय-व्ययकेविवरणमेंसबकाविकासकितनानिहितहै?यहमुद्दाहोसकताहै,लेकिनबजटमेंगांव,कृषि,किसानऔरसामाजिकसुरक्षाकोलेकरकोईहिचकदिखाईगईफिलहालइसआरोपसेयहबजटमुक्तहोतादिखाईदेताहै।

कृषिग्रामीणअर्थव्यवस्थाकेइर्द-गिर्दरहनेवालायहबजटवर्ग-विषेशकोबड़ीराहतदेताहै।इसबजटसेपिछलेबजटकीयादभीताजाहोजातीहैजबग्रामीणभारतकोतवज्जोदेनेकीकोशिशकीगईथी।देखाजाएतोआलोचनाकेकईपक्षबजटमेंहैंबावजूदइसकेदेखनायहहैकिदेशमेंसर्वाधिकपीड़ितकौनहैऔरराहतकिसेज्यादाचाहिए।जाहिरहैइसश्रेणीमेंबेहालग्रामीणभारत,कृषिऔरकिसानसमेतमजदूरशामिलहैं।जिसेध्यानमेंरखतेहुएअरुणजेटलीइन्हींकीओरसरपटदौड़तेदिखे।

हालांकिनोटबंदीऔरजीएसटीकेबादसाल2017आर्थिकउथल-पुथलकेलिएजानाजाताहै।जीएसटीकेबादयहपहलाबजटहै।ऐसेमेंवित्तमंत्रीकेआर्थिकविज्ञानपरदेशभरकीनजरेंटिकीथीं।सभीअपनेहिस्सेकीसहूलियतइसमेंजरूरदेखरहेहोंगे।इसकाएकराजनीतिकपक्षयहभीहैकिसरकारको2018मेंयहभीसाबितकरनाहैकिवहउद्योगपतियोंकीहिमायतीहै,किसानोंकीदोस्तभीहैऔरसेवाक्षेत्रमेंलगेकरोड़ोंजनमानसकेसाथभीहैपरवहइसपरकितनीखरीहैयहविमर्शकाविषयहै।कमलागतमेंअधिकफसलउगानेपरजोर,उपजकीकीमतडेढ़गुनादेनेपरफोकसकरनाऔरदोहजारकरोड़कीलागतसेकृषिबाजारतैयारकरना।इतनाहीनहीं42मेगाफूडपार्कबनाएजानेकाएलानभीइसीदिशामेंएककोशिशहै।खाद्यप्रसंस्करणकेमामलेमेंखर्चदोगुनाऔरटमाटर,प्याज,आलूकेरखरखावकेलिएपांचसौकरोड़कीलागतकाऑप्रेशनफ्लडकीतर्जपरऑप्रेशनग्रीनभीबड़ेकामकाहोसकताहै।

सभीजानतेहैंकियेसालभरप्रयोगकीजानेवालीसब्जियांहैं।यदिइन्हेंसड़नेसेरोकनेऔरबनाएरखनेमेंसफलतामिलतीहैतोकिसानोंकोफायदामिलसकताहै।आर्गेनिकखेतीकोबढ़ावादेनेकीबातभीइसमेंनिहितहै।

गांवमें22हजारहाटोंकोकृषिबाजारमेंतब्दीलकरनेसेकिसानोंकोअपनाअन्नबेचनाआसानहोजाएगा।आगामीवित्तवर्षमें51लाखघरबनानेकाइरादाबजटमेंजतायागयाहै।कृषिउत्पादोंकेनिर्यातकोसौअरबडॉलरकेस्तरतकपहुंचानेकालक्ष्यभीकाबिल-ए-तारीफहैपरसरकारकोयहसमझनाजरूरीहोगाकिजबवित्तमंत्रीयहकहतेहैंकिअन्नउत्पादन2.75करोड़टनऔरफलतथासब्जीउत्पादन3.00करोड़टनहुआहैजोपिछलेवर्षकीतुलनामेंअधिकहैतोसवालहैकिफिरकिसानोंकीहालतमेंसुधारक्योंनहींहै?

लगभगचारसालकेमोदीशासनकालमेंभीकिसानोंनेआत्महत्याकीहैऔरबेमौसमबारिशऔरमानसूनकेकमजोरहोनेकेचलतेकिसानहाशियेपरभीगएहैं।इसकेबावजूदश्रमऔरपूंजीझोंकनेकेसाथतन-मनलगाकरअन्नकाउत्पादनभीबढ़ायाहैपरन्तुगुरबतसेवेनहींउबरे।मतलबकिसानकेलिएबननेवालीनीतियांसटीकनहींहैं।

(लेखकवाईएसरिसर्चफाउंडेशनऑफपब्लिकएडमिनिस्ट्रेशनकेअध्यक्षहैं)

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