विशेषसंवाददाता॥नईदिल्लीयहआंकड़ेराष्ट्रीयपरिवारकल्याणवस्वास्थ्यसर्वे-3(एनएफएचएस-3)केअनुसारदेशमें8.3करोड़बालिकाएं11-18आयुवर्गकीहैं,जोमहिलाआबादी49.65करोड़का17फीसदीहैं।इनमेंएक-तिहाईबालिकाएंअल्पपोषितहैं।महिलासाक्षरतादरमहज53.87फीसदीहैजबकि15-49आयुवर्गकी54.2फीसदीमहिलाओंमेंखूनकीकमीहै।45फीसदीलड़कियोंकीशादी18सालसेकमउम्रमेंहोजातीहै।24जनवरीकोमनाएजानेवालेराष्ट्रीयकिशोरबालिकादिवसकेउपलक्ष्यमेंलड़कियोंसेजुड़ेऐसेतमाममुद्दोंपरआयोजितएककॉन्फ्रेंसमेंचर्चाहुई।महिलावबालविकासमंत्रालयद्वाराआयोजितकिशोरबालिकाएं:मुद्देवचुनौतियांविषयपरआयोजितकॉन्फे्रंसमेंमहिलावबालविकासमंत्रीकृष्णातीरथनेकहाकिबालिकाओंमेंकिशोरावस्थाकाफीसंवेदनशीलहोतीहै।इसउम्रमेंऐसीतमामजरूरतेंवचिंताएंहोतीहैं,जिनपरध्यानदियाजानाजरूरीहै।उन्होंनेकहाकिएकतरफतोबालिकाओंकीसेहत,पोषणवपढ़ाईजैसीचीजोंपरध्यानदिएजानेकीजरूरतहैताकिबड़ीहोकरवेशारीरिक,आर्थिक,मानसिकवभावनात्मकरूपसेआत्मनिर्भरवसक्षमबनसकें।तीरथनेकहाकिबालिकाओंकोघरेलूहिंसा,बालविवाहवदहेजजैसीचीजोंकेबारेमेंसचेतकरनाचाहिए।उन्हेंअपनेअधिकारोंकेप्रतिभीजागरूकबनायाजानाचाहिए।किशोरियोंवबालिकाओंकेकल्याणकेलिएसरकारनेसमग्रबालविकाससेवा,धनलक्ष्मीजैसीयोजनाएंचलाईहैं।हालहीमेंलागूहुईसबलायोजनाकिशोरियोंकेसशक्तीकरणकेलिएसमर्पितहै।इनसबकाउद्देश्यलड़कियांे,खासकरकिशोरियोंकोसशक्तबनानाहैताकिवेआगेचलकरएकबेहतरसमाजकेनिर्माणमेंयोगदानदेसकें।