सुरभिअग्रवाल/अमनशर्मा,नईदिल्लीसुप्रीमकोर्टनेकरीबएकसालपहलेइन्फॉर्मेशनटेक्नॉलजीऐक्टकेजिसहिस्सेकोअस्पष्ट,असंवैधानिकऔरअभिव्यक्तिकीआजादीकेखिलाफबताकररद्दकरदियाथा,उसकीजगहसरकारएकनयाप्रावधानजोड़नेकेलिएतैयारदिखरहीहै।पुलिसऔरइंटेलिजेंसएजेंसियोंनेसरकारसेकहाहैकिउन्हेंऐसेमामलोंसेनिपटनेमेंदिक्कतहोरहीहै,जिनमेंशांतिऔरराष्ट्रीयसुरक्षाकोखतरेमेंडालनेकेलिएसोशलमीडियाकाइस्तेमालकियाजारहाहै।इसेदेखतेहुएसरकारआईटीऐक्टकेसेक्शन66एकोरिवाइवकरनेवालीहै।मामलेकीजानकारीरखनेवालोंकाकहनाहैकिसरकारनएप्रावधानकोपहलेसेनरमबतारहीहै।एकसरकारीकमिटीनेआईटीऐक्टमेंअमेंडमेंटकेजरिएनएप्रावधानजोड़नेकासुझावदियाथा।इसकमिटीने66एकीजगहलेनेवालेप्रावधानकोड्राफ्टभीकरलियाहै।इसपरगृहमंत्रालयविचारकररहीहै।यहप्रक्रियापूरीहोनेकेबादसंचारऔरसूचनाप्रौद्योगिकीकोविचार-विमर्शकेबादसुझावलानेकाजिम्मादियाजाएगा।66एकोशुरूमेंएंटी-स्पैमप्रोविजनकेतौरपरलायागयाथाऔरसंसदने2008मेंउसेमंजूरीदीथी।उसकेबादआईंसरकारोंनेदलीलदीथीकिइंटरनेटपरलोगोंकेबर्तावपरनजररखनेकेलिएऐसाप्रावधानजरूरीहै,जबकिनागरिकोंकीआजादीकेपैरोकारोंकाकहनारहाहैकिऐसेमकसदकेलिएइंडियनपीनलकोडपर्याप्तहै।आलोचकोंकाकहनाहैकिसेक्शन66एकायूपीऔरमहाराष्ट्रजैसेराज्योंमेंपुलिसनेबड़ेपैमानेपरदुरुपयोगकियाहै।कानूनकीछात्राश्रेयासिंघलने2012मेंसुप्रीमकोर्टमेंएकपीआईएलदाखिलकीथी।उसकेबादकईअन्यनेइसविवादितसेक्शनकोरद्दकरनेकीमांगवालीयाचिकाएंदाखिलकीथीं।मार्च2015मेंसुप्रीमकोर्टने66एकोयहकहतेहुएरद्दकियाथा,'यहनिरंकुशप्रावधानहै।यहलोगोंकेअपनीबातरखनेकीआजादीकाअतिक्रमणकरताहै।'एकसीनियरसरकारीअधिकारीनेईटीकोबतायाकिनयाक्लॉजआतंकवादऔरकानून-व्यवस्थाकेगंभीरमुद्दोंसेनिपटनेकेलिएजायाजारहाहै।उन्होंनेकहाकिइसक्लॉजकीशब्दावली66एकीतरह'अस्पष्ट'नहींहै।गृहमंत्रालयकीसंसदीयसमितिकेसदस्यऔरसांसदबीजेडीकेबैजयंतजयपंडानेईटीसेकहा,'ऐसामानाजारहाहैकिपुलिसकोसोशलमीडियाकीमॉनिटरिंगसेरोकाजारहाहैऔरजबतकअपराधनहोजाए,वहतबतककुछकरनहींपारहीहै।हालांकिसरकारकोध्यानदेनाहोगाकिप्रावधानऐसेहों,जोचर्चाकरनेऔरअपनीबातरखनेकेलोगोंकेअधिकारोंपरअंकुशनलगाएं।'