HC ने रद्द किया गुजरात सरकार का अध्यादेश, आर्थिक रूप से पिछड़ों को नहीं मिलेगा 10 फीसदी आरक्षण

गुजरातसरकारकोगुजरातहाईकोर्टसेबड़ाझटकालगाहै.पाटीदारआंदोलनकेबादआर्थिकआधारपरदिएगएआरक्षणकोहाईकोर्टनेगैरसंवैधानिककरारदियाहै.

राज्यमेंउच्चजातिकेलोगोंकेलिएगुजरातसरकारकेजरिएदिएगए10फीसदीआरक्षणपरहुईपीआईएलकोलेकरगुरुवारगुजरातहाईकोर्टनेअपनाअहमफैसलासुनाया.कोर्टनेदोनोंपक्षोंकीदलीलसुननेकेबादआर्थिकआधारपरआरक्षणकोअसंवैधानिकबतायाहै.

कोर्टनेइसलिएदियायेफैसला

पीआईएलमेंकहागयाहैकिसरकारकेइसफैसलेसेसमाननागरिकअधिकारकाहननहोताहै,जबकिराज्यसरकारकिओरसेकहागयाथाकिआरक्षणदेतेवक्तसरकारनेकिसीभीतरहकिसंवैधानिकआरक्षणकेहककाहनननहींकियाहै.

आरक्षणकेलिएपाटीदारोंनेछेड़ाथाहिसंकआंदोलन

गौरतलबहैकिआरक्षणकीमांगकोलेकरगुजरातमेंआंदोलनकररहापाटीदारसमुदायभीसामान्यवर्गमेंआताहै.सरकारकेइसफैसलेसेउनकोभीआरक्षणकालाभमिलता.राष्ट्रद्रोहकेआरोपमेंजेलकाटचुकेहार्दिकपटेलकीअगुवाईमेंपाटीदारसमुदायनेआरक्षणकीमांगकोलेकरराज्यव्यापीआंदोलनछेड़ाथा,जोबादमेंहिंसकहोगया.