जागरणब्यूरो,नईदिल्ली।बीसप्रतिशतगरीबपरिवारोंकोसालाना72,000रुपयेदेनेसंबंधीकांग्रेसकीघोषणाकोवित्तमंत्रीअरुणजेटलीनेधोखाकहाहै।उन्होंनेएक-एककरगिनायाकिगरीबीहटाओकेनारेपरचुनावजीतनेकेबावजूदकांग्रेससरकारोंनेकेवलधोखाहीदियाहै।
जबकिमोदीसरकारगरीबोंकोसशक्तबनारहीहै।अगरकांग्रेसके72हजाररुपयेसालानाकेखोखलेचुनावीवादेकोभीमानाजाएतोमोदीसरकारपहलेहीडायरेक्टबेनिफिटट्रांसफर(डीबीटी)स्कीमसेहरगरीबपरिवारकोहरसाललगभग1,06,000रुपयेदेरहीहै।वित्तमंत्रीनेकहाकियहकांग्रेसकाइतिहासहैकिचुनावजीतनेकेलिएवहवादेकरतीहैफिरगरीबोंकोभ्रममेंरखतीहै।कांग्रेसकीयहघोषणाभीेधोखाऔरछल-कपटहीहै।यहीकारणहैकिकांग्रेसके60सालकेशासनमेंगरीबीजसकेतसरही।
उन्होंनेकहाकिनारेऔरबयानोंसेगरीबीनहींजाएगी।साधनोंसेजाएगी।मोदीसरकारनेगरीबोंकोआवास,गैसकनेक्शनवशौचालयकेरूपमेंसाधनदेनेकाकामकियाहै।जेटलीनेकहाकिपंडितजवाहरलालनेहरूकीसरकारमेंदेशकीविकासदरमहज3.5प्रतिशतथीऔरपूरीदुनियाइसेहिंदूरेटऑफग्रोथकहकरमजाकउड़ातीथी।इसविकासदरसेगरीबीहटानासंभवनहींथा।
इसकेबादइंदिरागांधीनेगरीबीहटाओनारादिया,लेकिनउन्होंनेगरीबीहटानेकेलिएजोआवश्यकथावोनहींकिया।राजीवगांधीकीसरकारमेंतोविवादहीचलतेरहेइसलिएगरीबीदूरकरनेकीकोईकार्रवाईनहींहुई।इसीतरहसंप्रगके10सालकेकार्यकालमेंभीगरीबोंकेसाथएकप्रकारसेछलकपटहोतारहा।
तुलनात्मकआंकड़े-2008मेंसंप्रगने70हजारकरोड़रुपयेकर्जमाफीकाएलानकियाथा,लेकिनमाफसिर्फ52हजारकरोड़किए।-2019मेंमोदीसरकार'पीएम-किसान'में75हजारकरोड़रुपयेहरसालदेनेकीशुरुआतकरचुकीहै।-संप्रगनेमनरेगापर40हजारकरोड़खर्चकरनेकावादाकिया।वास्तविकखर्चमहज28हजारकरोड़हुआ।-कर्नाटकमेंकर्जमाफीकेलिएअबतकमात्र2,600करोड़रुपये,मप्रमें3,000करोड़औरपंजाबमेंदोसालमेंमात्र5,500करोड़खर्चकिएगएहैं।-मोदीसरकारगरीबोंकोसस्तीदरपरअनाजमुहैयाकरानेको1.84लाखकरोड़रुपये,किसानोंको75हजारकरोड़रुपयेऔरकईहजारकरोड़रुपयेडीबीटीकेमाध्यमसेखर्चकररहीहै।-इनयोजनाओंकीपूरीराशिकोजोड़ेंतोयह5.34लाखकरोड़रुपयेबैठतीहै।इसतरहहरगरीबकोलगभग1,06,000रुपयेसालानादिएजारहेहैं।