[जीएनवाजपेयी ]:हालमेंवियतनामजानाहुआ।वहांहनोईसेहालोंगबेकेमार्गमेंफैक्ट्रियोंकीलंबीशृंखलादिखाईपड़ी।मेरेटूरिस्टगाइडनेबतायाकिये‘कैनन’कीविनिर्माणइकाइयांहैं।उसनेमुझेयहभीबतायाकिसैमसंगके60प्रतिशतफोनवियतनाममेंबनतेहैं।गतवर्षवियतनामसेहोनेवालेकुलनिर्यातमें20प्रतिशतहिस्सेदारीसैमसंगकेउत्पादोंकीथी।यहवाकईएकबड़ीपहेलीहैकियुद्धकीविभीषिकाझेलनेवालाएकदेशकैसेकुछदशकोंमेंअपनीकायापलटकरनेमेंसक्षमहुआ।गरीबीघटानेकेमामलेमेंउसकारिकॉर्डचीनसेभीबेहतरहै।1990मेंवियतनामकी60प्रतिशतआबादीगरीबथी,जबकिअबमात्र10प्रतिशतलोगहीगरीबरहगएहैं।
भारतकोवियतनामसेसीखलेनीचाहिए
वियतनामप्रवासकेदौरानमैैंनेजानाकियहसफलतालचीलीश्रमनीतियोंऔरउपयुक्तबुनियादीढांचेकीशानदारजुगलबंदीसेहीसंभवहुई।भारतमेंमोदीसरकारनेजबसेसत्तासंभालीहैतबसेवहउत्पादकताबढ़ानेकेभरसकप्रयासमेंजुटीहै।इसदिशामेंआइबीसी,जीएसटीऔरमौद्रिकनीतिसमितिकेरूपमेंसरकारनेकुछबड़ेसुधारकिएहैं।फिरभीकाफीकुछकियाजानाशेषहै।जैसेकिभूमिएवंश्रमसुधार।
मोदीसरकारने श्रमनीतिकेतमामप्रावधानोंकोकियासुसंगत
भूमिसुधारएकभावनात्मकमुद्दाहै।पहलेकार्यकालमेंमोदीसरकारनेभूमिसुधारोंकीदिशामेंतमामप्रयासकिए।इसकेलिएनौबारअध्यादेशभीलायागया,लेकिनराज्यसभाकीस्वीकृतिनमिलपानेकेकारणवहसुधारअधरमेंरहगया।हालमेंसंसदनेएकनईश्रमसंहिताकोस्वीकृतिदीहै।इसमेंश्रमनीतिकेतमामप्रावधानोंकोसुसंगतकियाहै।मसलनभविष्यनिधिकेफायदोंकादायराअस्थाई-अनुबंधितकर्मचारियोंतकबढ़ायागयाहै।
श्रमिकोंकीभागीदारीकोऔरउदारबनानेकेलिएप्रयासहोरहेहैं
श्रमिकोंकीभागीदारीकोऔरउदारबनानेकेलिएसमन्वितप्रयासभीकिएजारहेहैं।श्रमसुधारभीबहुतभावनात्मकमुद्दाहै।यहराजनीतिकरूपसेबहुतसंवेदनशीलमसलाहै।श्रमसुधारोंकोलेकरनीतिआयोगकेउपाध्यक्षनेजोरदेकरयहबातदोहराईहैकिइसमेंकोईभी‘हायरएंडफायर’नीतिनहींअपनाईजाएगी।चीन,वियतनाम,इंडोनेशियाऔरमलेशियाजैसेदेशोंकेमुकाबलेभारतमेंसस्तीश्रमदरोंकेबावजूदश्रमकीकुललागतकहींअधिकहै।
श्रमउत्पादकतादेशमेंविनिर्माणमेंबहुतबड़ीबाधा
श्रमउत्पादकतादेशमेंविनिर्माणकेअपेक्षितविस्तारमेंएकबहुतबड़ीबाधाबनीहुईहै।श्रमउत्पादकतामेंसुधारकेलिएतकनीकीमोर्चेपरनिवेशऔरउपक्रमोंकाआकारबढ़ानेकीदरकारहै।विनिर्माणक्षेत्रमेंउद्यमीऔरनिवेशकयातोअपनेसीमितदायरेएवंलचरश्रमउत्पादकतायाफिरअन्यबाजारोंकीकमीकेसाथटिकेहुएहैं।
भारतीयअर्थव्यवस्थाबुरेदौरसेगुजररही
फिलहालभारतीयअर्थव्यवस्थाबुरेदौरसेगुजररहीहै।भारतकीतिमाहीजीडीपीवृद्धिदरगोतालगातेहुएपांचप्रतिशतकेदायरेमेंआगईहै।स्वाभाविकरूपसेइसकासीधासरोकारलोगोंकीआर्थिकदशा-दिशासेहै।भारतमेंपहलीबारसमग्र्रमांगमेंगिरावटदेखीजारहीहै।इसकेपीछेबढ़तीबेरोजगारीकोवजहमानाजारहाहैजोलोगोंकीक्रयशक्तिकोप्रभावितकररहीहै।इसबीचअमेरिकाऔरचीन,जापानऔरकोरियाकेबीचजारीव्यापारयुद्धएवंआमजनसेजुड़ेमुद्दोंपरटकरावसेविनिर्माणकेंद्रोंसेपलायनबढ़ाहै।
चीनसेकिनाराकरकहींकंपनियांविनिर्माणकेंद्रस्थापितकररहीहैं
विशेषकरचीनसेतमामकंपनियांकिनाराकरकहींऔरविनिर्माणकेंद्रस्थापितकररहीहैं।ऐसेमेंयहभारतकेलिहाजसेअनुकूलअवसरहैकिवहइनइकाइयोंकोअपनेयहांस्थापितकरानेकेप्रयासकरे।इससेभारतवैश्विकआपूर्तिशृंखलामेंएकअहमकड़ीकेरूपमेंउभरेगा।
जबतकविनिर्माणइकाइयांभारतकारुखनहींकरतीं,तबतकलाभनहींमिलेगा
मोदीसरकारनेकॉरपोरेटटैक्सघटाकरइसदिशामेंएकबड़ाकदमउठायाहै।अबयहदुनियाकेकईदेशोंविशेषकरएशियाईप्रतिस्पर्धीमुल्कोंकीतुलनामेंखासाकमहोगयाहै।देर-सबेरभारतीयअर्थव्यवस्थाकोइससेबहुतफायदाहोनेकीउम्मीदहै।हालांकिजबतकविनिर्माणइकाइयांभारतकारुखनहींकरतीं,तबतकइसकापूरालाभनहींमिलेगा।
रोजगारसृजनकेबिना श्रमसंरक्षणकानून कीअहमियतकुछनहीं
एकऐसेसमयमेंजबपर्याप्तमात्रामेंरोजगारसृजननहींहोरहातबश्रमिकसंरक्षणकेलिएबनेकायदे-कानूनोंकाकोईखासमहत्वनहींरहजाता।श्रमकानूनइसलिएबनाएगएहैंताकिश्रमिकोंकोशोषणसेबचायाजासके।अहमसवालयहहैकिजबकोईरोजगारहीनहींहोगातोफिरहमेंकिसकेअधिकारोंकासंरक्षणकरनेकीजरूरतहोगी?फिलहालभारतमें98प्रतिशतरोजगारकेअवसरकृषि,असंगठितअर्थव्यवस्थाकेअलावासूक्ष्म,छोटेएवंमझोलेउद्योगयानीएमएसएमईऔरएसएमईकेजरियेसृजितहोतेहैं।अमूमनइनमेंश्रमसंरक्षणकानूनलागूनहींहोते।कहनेकाअर्थयहनहींकिश्रमकानूनोंकोपूरीतरहसमाप्तकरदियाजाए,लेकिनउन्हेंतार्किकअवश्यबनायाजानाचाहिए।
पहले रोजगारफिर श्रमसंरक्षण
क्यायहसंभवनहींबनायाजासकताकिकमसेकम300लोगोंकोनियुक्तकरनेकेप्रावधानकोविदाईदीजाए।साथहीनियोक्ताकोआवश्यकतानुसार‘भर्तीएवंकार्यमुक्ति’कीगुंजाइशदीजाए।कमसेकमलोगोंकेपासरोजगारतोहोनाचाहिए।किसीभीबेरोजगारसेपूछिएकिउसेरोजगारचाहिएयाश्रमसंरक्षणतोउसकासंभावितजवाबयहीहोगाकिपहलेनौकरीमिलेतोसही।एकबारयदिपर्याप्तमात्रामेंरोजगारकेअवसरसृजितहोजाएंतोसरकारकल्याणकारीमसलोंकोसुलझासकतीहै।वहनईआर्थिकगतिविधियोंसेहोनेवालेफायदोंकेजरियेराजस्वजुटाकरएककोषबनासकतीहै।पहलेश्रमिककासंरक्षण,फिररोजगारकीतलाशऔरफिरकल्याणकारीकदमोंवालेसमीकरणकोपलटनाचाहिए।वैश्विकविनिर्माणकोलुभानेकेलिएचीन,वियतनाम,कंबोडियाऔरअन्यएशियाईतेजतर्रारदेशोंनेयहीकियाहै।
भारतमेंसेज जमीनअधिग्रहणकीपहेलीमेंहीउलझकररहगए
सामाजिकतानेबानेकोनछेड़नेकेमकसदसेचीननेऐसेविशेषआर्थिकक्षेत्रयानीसेजबनाएजहांकारोबारकोबढ़ानेकीपूरीआजादीदीगई।इससेबड़ेपैमानेपरनिवेशआकर्षितहुआ।इसकीतुलनामेंभारतमेंसेजमहजकररियायतोंऔरजमीनअधिग्रहणकीपहेलीमेंहीउलझकररहगए।
विनिर्मितवस्तुओंकोलेकरभारतकोचीनकीरणनीतिअपनानाहोगा
2004मेंबतौरसेबीचेयरमैनमुझेचीनजानेकाअवसरमिलाथा।तबभारतीयराजदूतद्वारादिएएकपत्रकोपढ़करमैंहैरानरहगया।उसकाएकनिष्कर्षयहथाकिचीनसेविनिर्मितवस्तुओंका80प्रतिशतनिर्यातउनकंपनियोंसेहोताथाजिनकापूरास्वामित्वचीनसेबाहरकिसीअन्यदेशमेंथा।चीननेश्रमएवंअन्यमूल्यवर्धितपहलुओंकापूरालाभउठाया।भारतमेंभीयहरणनीतिअपनानाउपयोगीहोगा।
आर्थिकसमृद्धिकोबढ़ानेकीमोदीसरकारकीमंशापरकोईसंदेहनहीं
भारतमेंआर्थिकसमृद्धिकोबढ़ानेकीमोदीसरकारकीमंशापरकोईसंदेहनहींहै।अर्थव्यवस्थाकेबुनियादीपहलुओंकोमजबूतीदेनेकेलिएसरकारनेकईसाहसिककदमउठाएहैं।हालांकिभूमिएवंश्रमसुधारोंकेबिनाआर्थिकवृद्धिकोअपेक्षितगतिनहींदीजासकतीऔरनहीयुवाआबादीकाअपेक्षितलाभउठायाजासकताहै।किसीभीअवसरकीएकमियादहोतीहै।साहसीहीउसेपूरीतरहभुनासकतेहै।
(लेखकसेबीऔरएलआइसीकेपूर्वचेयरमैनहैं)