निगम ने सबसे पहले ऐसे लोगों को चिह्नित किया है जिन पर लाखों रुपये का बकाया है। इनमें कुछ बड़े होटल संचालकों सहित व्यापारी भी शामिल हैं। संपत्ति कर की बकाया राशि जमा करवाने के लिए डिफाल्टरों को टाइम बाउंड किया जाएगा। इसके बाद नगर निगम शिमला द्वारा कार्रवाई की जाएगी। डिफाल्टर नोटिस थमाने के बावजूद टैक्स जमा करने नहीं पहुंच रहे हैं। यही नहीं शहरभर में इनकी करोड़ों रुपये की संपत्तियां हैं।