पुलिस अधीक्षक गंगाधर ने बताया कि एटीएम ठगी में गिरफ्तार आरोपित रुपये निकालने के लिए एटीएम जाते थे और रुपये निकलते समय बड़ी चालाकी से डिस्पेंसर शटर से छेड़छाड़ कर देते थे। ऐसे में रुपये उनके हाथ में आ जाता था, लेकिन एटीएम ट्रांजेक्शन फेल बताता था। इसी के आधार पर बैंक से फिर उतना रुपया वसूलकर लिया जाता था। यह ठग स्टेट बैंक की गड़बड़ी वाले एटीएम से यह ठगी करते थे। इसका पता चलने के बाद पुलिस की ओर से स्टेट बैंक प्रबंधन को भी इस बारे में पत्र लिखकर गड़बड़ी वाले एटीएम को बदले जाने या ठीक करने को कहा गया है।