सैहब सोसायटी के तहत हर महीने कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य देनदारियों पर करीब 90 लाख रुपये खर्च आता है। जबकि कूड़े की फीस से नगर निगम को महज हर महीने 50 से 55 लाख रुपये ही मिलते हैं। ऐसे में निगम को अपने खाते से सैहब के खर्च वहन करने पड़ रहे हैं। सरकार ने सरकारी विभागों से कूड़े के बिल वसूलने के लिए मंजूरी दे दी है। सरकारी विभागों से बिल वसूलने के बाद निगम की आय में बढ़ोतरी होगी।