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एक ओर शासन घर-घर में शौचालय की सुविधा कराने हेतु योजनाओं एवं जागरूकता हेतु विज्ञापन में करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है, वहीं ग्राम पंचायत भतौरा, निलोई, मलाजनी, नगला तौर के ग्राम खूबे की मड़ैया, ग्राम घुरहा में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले अधिकांश ग्रामीणों समेत दिव्यांगजनों के घरों में शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण वे खुले में नित्यक्रिया के लिए मजबूर हैं। नगला तौर ग्राम पंचायत निवासी आधा दर्जन दिव्यांगजन खिलौना देवी, मलखान ¨सह, राधा देवी, सम्पति देवी, बृजनंदन का कहना कि दिव्यांगों के प्रति सरकार या सरकारी अधिकारी असंवेदनशील क्यों हैं। दिव्यांग लोगों के प्रति अक्सर आमजन में या तो उपेक्षा होती हैं या सहानुभूति, लेकिन अधिकांश अधिकारी इन के प्रति दोमुखी रवैया अपनाते हैं। इसी कारण सुविधाओं का अभाव है। सरकार घर-घर शौचालय देने के बावजूद दिव्यांगजनों की परेशानियों को समझने और उन्हें जरूरी सहयोग देने में स्थानीय प्रशासन नाकाम दिखाई दे रहा है। घरों में शौचालयों के अभाव में सुविधाओं के लिहाज से दिव्यांगों के सामने चुनौती है। क्या है ओडीएफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से पूरे भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना लागू की है, जिसके तहत गांव-गांव में घर-घर शौचालय बनाया जाना है। वही ओडीएफ कहलाता है ¨कतु जिला पंचायत द्वारा सतत मानीट¨रग नहीं करने के कारण अधिकांश गांव में शौचालय अपूर्ण हैं।