बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने करीब तीन साल पूर्व अरवल जिले के कलेर में शराब की बड़ी खेप पकड़ी थी। पूछताछ में गिरफ्तार ट्रक चालक ने बताया कि उसे यह खेप लेकर वैशाली जाना था। पुलिस उसे अपने कब्जे में लेकर वैशाली पहुंची थी। तब शराब धंधेबाजों ने उसे मुजफ्फरपुर में ट्रक लेकर आने को कहा। इसके बाद विशेष टीम ने चांदनी चौक के समीप से शराब के साथ पांच धंधेबाजों को पकड़ा। इसमें तीन सीतामढ़ी के रुन्नीसैदपुर का, मुजफ्फरपुर व दिल्ली का एक-एक था। पूछताछ में रुन्नीसैदपुर के अजीत राय ने पुलिस को बताया था कि शराब की खेप रुन्नीसैदपुर लेकर जाना था। दिल्ली के सुरेंद्र के माध्यम से शराब की खेप मंगवाई थी। बताया गया कि इस छापेमारी की सूचना दारोगा ने शराब धंधेबाज को दे दी थी। इसके लिए उसने धंधेबाज के मोबाइल पर कॉल व मैसेज करके बताया था। इसके बाद दारोगा को पकड़ा गया था। अजीत पर सीतामढ़ी में रंगदारी समेत कई संगीन मामले दर्ज हैं। पूछताछ में गिरफ्तार अजीत ने बताया था कि रुन्नीसैदपुर थाने में दारोगा अवनि द्वारा प्रति पेटी सौ रुपये लिया जाता है। बर्खास्त दारोगा पर फर्जी बेल बांड के आधार पर जेल से बेल लेने का भी आरोप है। मामले में पटना में प्राथमिकी दर्ज है।